प्रकाश-विधुत प्रभाव ने इस विलक्षण तथ्य को प्रमाणित किया कि प्रकाश किसी द्रव्य के साथ अन्यान्य क्रिया में इस प्रकार व्यवहार करता है जैसे यह क्वान्टा अथवा उर्जा के पैकेट (जिसमें हरेक कि ऊर्जा h v है ) का बना हो |

क्या प्रकाश ऊर्जा के क्वांटम को किसी कण से संबंध किया जा सकता है? आइसटान एक महत्वपूर्ण परिणाम पर पहुचें कि प्रकाश क्वांटम को संवेग (h v/c) से संबंध किया जा सकता है | उर्जा के साथ-साथ संवेग का निश्चित मान इसका प्रबल सूचक है कि प्रकाश क्वांटम को कण से संबंध कि जा सकता है | इस कण को बाद में फोटोन नाम दिया गया | प्रकाश के कण जैसे व्यवहार को ए. एच. कप्तान (1892-1962) के इलेक्ट्रान के द्वारा X- किरणों के प्रकीर्ण के प्रयोग से सन 1924 में पुनः पुष्ट किया गया |