परमाणु के रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तावित मॉडल में यह मान लिया गया है कि परमाणु के केंद्र में नाभिक होता है तथा परिक्रमा करते इलेक्ट्रान स्थिर है ठीक वैसे ही जैसे ही सौर परिवार में होता है जिसका अनुकरण करके इस मॉडल को विकसित किया गया| तथापि, दोनों स्तिथियों में कुछ मुलभूत अंतर है | ग्रहीय तंत्र गुरुत्वीय बल के कारण बंधा है, जबकि नाभिक-इलेक्ट्रान तंत्र में आवेशित कण होने के कारण, बल के कूलॉम-नियम द्वारा अन्योनय क्रिया होती है | हम जानते है कि वृताकार पथ में घूमती कोई वस्तु लगातार त्वरण में होती है, और इस त्वरण कि प्रकृति अभिकेंद्र है | क्लासिकी विधुत चुम्बकीय सिधांत कि अनुशार कोई त्वरित अवशोषित कण विधुत चुम्बकीय तरंगो के रूप में विकिरण उत्सर्जित करता है | अतः त्वरित इलेक्ट्रान कि उर्जा निरंतर घटनी चाहिए|
