आकाश तरंग

आकाश तरंगों द्वारा प्रसारण रेडियो तरंगों के प्रसारण का एक अन्य ढंग है | आकाश – तरंग , प्रेषण – ऐटीना से अभिग्राही – ऐटीना तक सरल रेखीय पथ पर गमन करती है | आकाश तरंगों का उपयोग दृष्टिरेखीय रेडियो संचरण [ Line – of sight ( LOS) radio communication ] के साथ उपग्रह संचार में भी किया जाता है | 40 MHz से अधिक आवृतियों पर संचार केवल दृष्टिरेखीय ( LOS) रेडियो संचरण द्वारा ही संभव है| इन आवृतियों पर ऐटीना का साइज अपेक्षाकृत छोटा होता है तथा इसे पृथ्वी के पृष्ठ से कई तरंगदैध्यों की ऊँचाई पर स्थापित किया जा सकता है | LOS प्रकृति का संचार होने के कारण , पृथ्वी की वक्रता के कारण सीधी तरंगें किसी बिंदु पर अवरोधित हो जाती हैं | यदि सिगनल को क्षितिज से परे प्राप्त करना है तो अभिग्राही ऐटीना काफ़ी अधिक ऊँचाई पर स्थापित किया चाहिए ताकि वह LOS तरंगों को बीच में रोक सके |

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