संधि ट्रांज़िस्टर

सन् 1947 में ट्रांज़िस्टर के आविष्कार का श्रेय बेल टेलीफ़ोन प्रयोगशाला U.S.A. के जे. बारडीन तथा डब्ल्यू. एच. ब्रेटन को जाता है। यह ट्रांज़िस्टर एक बिंदु सम्पर्क ट्रांज़िस्टर था। पहले संधि ट्रांज़सस्टर का आविष्कार 1951 में विलियम शॉकले ने दो p-n संधियों को एक-दूसरे के पश्च फलकों को जोड़कर किया था।

जब तक केवल संधि ट्रांज़िस्टर ज्ञात था, इसे केवल ट्रांज़िस्टर कहकर जाना जाता था। परंतु समय के साथ नए-नए ट्रोंज़िस्टरों का आविष्कार हुआ तथा नए ट्रांज़िस्टर को पुरानों से भेद करने के लिए इन्हें अब द्विध्रुवी संधि ट्रांज़िस्टर (Bipolar junction transistor, BJT) कहते हैं।

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