उपयोग किए जाने वाले विन्यास संधियों के बायस तथा प्रचालन क्षेत्र जैसे अंतक, सक्रिय क्षेत्र तथा संतृप्त के आधार पर ट्रांज़िस्टर का उपयोग एक युक्ति के रूप में किया जा सकता है। जैसा कि हम पहले ही वर्णन कर चुके हैं हम केवल CE विन्यास तक ही सीमित रहेंगे तथा किसी युक्ति की कार्य प्रणाली को समझने के लिए उस युक्ति के प्रचालन क्षेत्र तथा बायसन तक ही अपना ध्यान केंद्रित रखेंगे।

जब ट्रांज़िस्टर का उपयोग अंतक अथवा संतृप्त अवस्था में किया जाता है तो यह एक स्विच की भाँति कार्य करता है। इसके विपरीत किसी ट्रांज़िस्टर को एक प्रवर्धक के रूप में उपयोग करने के लिए इसे सक्रिय क्षेत्र में प्रचालित करना होगा।