जब प्रकाश दो माध्यमों के अंतरापृष्ठ पर आपतित होता है तो यह देखा गया है कि इसका कुछ भाग परावर्तित हो जाता है तथा कुछ भाग पारगमित हो जाता है। इसी से संबंधित एक प्रश्न पर विचार करें : क्या यह संभव है कि किसी दशा में किसी सतह पर आपतित होने वाला एकवर्णीय प्रकाश का एक किरण-पुंज (सतह सामान्यतः परावर्ती है) पूर्ण रूप से पारगमित हो जाए तथा कोई परावर्तन न हो? आपको आश्चर्य होगा कि इस प्रश्न का उत्तर “हाँ” है।

आइए, एक साधारण प्रयोग करें तथा जाँच करें कि क्या होता है। एक लेसर, एक अच्छा ध्रुवक (polarizer), एक प्रिज़्म तथा एक परदा दर्शाए गए चित्र की भाँति व्यवस्थित करें।
लेसर स्रोत से उत्सर्जित प्रकाश को ध्रुवक से पारित होने के पश्चात प्रिज़्म की सतह पर ब्रूस्टर कोण
से आपतित होने दें। अब ध्रुवक को सावधानीपूर्वक घुमाएँ। आप देखेंगे कि ध्रुवक के एक विशेष संरखन (alignment) के लिए प्रिज़्म पर आपतित होने वाला प्रकाश पूर्ण रूप से पारगमित हो जाता है तथा प्रिज़्म के पृष्ठ से कोई प्रकाश परावर्तित नहीं होता। परावर्तित धब्बा पूरी तरह अदृश्य हो जाता है।