उभयनिष्ठ उत्सर्जक ट्रांज़िस्टर अभिलाक्षणिक

जब ट्रांज़िस्टर का उपयोग CE विन्यास में करते हैं तो निवेश आधार तथा उत्सर्जक के बीच तथा निर्गत संग्राहक तथा उत्सर्जक के बीच होता है। आधार उत्सर्जक वोल्टता में  परिवर्तन के साथ आधार धारा में परिवर्तन होना निवेश अभिलाक्षणिक कहलाता है।

इसी प्रकार संग्राहक-उत्सर्जक वोल्टता में परिवर्तन के साथ संग्राहक धारा में परिवर्तन होना निर्गत अभिलाक्षणिक कहलाता है। आप यह देखेंगे कि निर्गत अभिलाक्षणिकों को निवेश अभिलाक्षणिक नियंत्रित करते हैं। इससे यह ध्वनित होता है कि आधार धारा के साथ संग्राहक धारा में भी परिवर्तन होता है।

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