ट्रांज़िस्टर एक युक्ति के रूप में

उपयोग किए जाने वाले विन्यास संधियों के बायस तथा प्रचालन क्षेत्र जैसे अंतक, सक्रिय क्षेत्र तथा संतृप्त के आधार पर ट्रांज़िस्टर का उपयोग एक युक्ति के रूप में किया जा सकता है। जैसा कि हम पहले ही वर्णन कर चुके हैं हम केवल CE विन्यास तक ही सीमित रहेंगे तथा किसी युक्ति की कार्य प्रणाली…

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तीव्रतर एवं लघुतर : कष्यूटर प्रौद्योगिकी भविष्य

सभी कंप्यूटर प्रणालियों के हृदय पर एकीकृत परिपथ (IC) होता है। वास्तव में लगभग सभी वैद्युत युक्तियों जैसे कार टेलीविज़न, CD प्लेयर, सेल फोन आदि में एकीकृत परिपथ (IC) लगे होते हैं। जिस लघुकरण के कारण आधुनिक निजी कंप्यूटर बनना संभव हो पाया उसकी रचना बिना IC के संभव नहीं हो सकती थी। IC ऐसी…

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आयाम माडुलित तरंग का संसूचन

चैनल से प्रसारण में प्रेषित संदेश क्षीण हो जाता है। अतः अभिग्राही ऐंटीना किसी प्रवर्धक तथा संसूचक का अनुगमन करता है। साथ ही, संसाधन की सुविधा के लिए वाहक आवृत्ति को प्राय: किसी मध्य आवृत्ति (IF) चरण पर संसूचन से पूर्व निम्न आवृत्ति में परिवर्तित कर लेते हैं। संसूचित ————————————बैंड पारक फिल्टर न्यून तथा उच्च…

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अर्नेस्ट रदसफोर्ई (1871-1937)

अंगोज भौतिकविज्ञानी जिन्होने रेडियोणकिटक विकरणों पर अग्रणी कार्य किया। उन्होंन ऐल्फ़ा- एवं बीटा-किरणों की खोज की फ्रेड्डिक साँडी के सरथ कार्य कर उन्होने रेहियोणविटयता का आयनिक सिद्धात प्रस्तुत किया। उन्होंने तोरियम से निकलने वाले विकिरणों का अध्ययन किया जिसके परिणामस्वरूप निष्क्रिय गैस थोरोन की खोज हुई ओ रेडॉन का समस्थानिक है। पतले धातु के वर्को…

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क्रिस्टिआन हाइगेंस (1629-1695)

डच भौतिकविद खगोलशास्त्री, गणितज़ एवं प्रकाश के तरंग सिद्धांत के प्रणेता। उनकी पुस्तक ट्रीटीज ऑन लाइए (Treatise on light), आज भी पढ़ने में अच्छी लगती है। इस पुस्तक में परावर्तन और अपवर्तन के अतिरिक्त, खनिज कैलसाइट द्वारा प्रदर्शित दोहरेअपवर्तन की प्रक्रिया को भी बहुत सुंदर ढंग से समझाया गया है। वही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने…

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